يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ حَقَّ تُقٰىتِهٖ وَلَا تَمُوْتُنَّ اِلَّا وَاَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ( آل عمران: ١٠٢ )
O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe[d]!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Fear
ٱتَّقُوا۟
डरो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
(as is His) right
حَقَّ
हक़ है (जैसे)
(that) He (should) be feared
تُقَاتِهِۦ
उससे डरने का
and (do) not
وَلَا
और हरगिज़ ना तुम मरना
die
تَمُوتُنَّ
और हरगिज़ ना तुम मरना
except
إِلَّا
मगर
[while you]
وَأَنتُم
इस हाल में कि तुम
(as) Muslims
مُّسْلِمُونَ
मुसलमान हो
Ya ayyuha allatheena amanoo ittaqoo Allaha haqqa tuqatihi wala tamootunna illa waantum muslimoona (ʾĀl ʿImrān 3:102)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखो, जैसाकि उसका डर रखने का हक़ है। और तुम्हारी मृत्यु बस इस दशा में आए कि तुम मुस्लिम (आज्ञाकारी) हो
English Sahih:
O you who have believed, fear Allah as He should be feared and do not die except as Muslims [in submission to Him]. ([3] Ali 'Imran : 102)