وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ نَّزَّلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَاَحْيَا بِهِ الْاَرْضَ مِنْۢ بَعْدِ مَوْتِهَا لَيَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ۙقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ ۗبَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا يَعْقِلُوْنَ ࣖ ( العنكبوت: ٦٣ )
Walain saaltahum man nazzala mina alssamai maan faahya bihi alarda min ba'di mawtiha layaqoolunna Allahu quli alhamdu lillahi bal aktharuhum la ya'qiloona (al-ʿAnkabūt 29:63)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम उनसे पूछो कि 'किसने आकाश से पानी बरसाया; फिर उसके द्वारा धरती को उसके मुर्दा हो जाने के पश्चात जीवित किया?' तो वे बोल पड़ेंगे, 'अल्लाह ने!' कहो, 'सारी प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है।' किन्तु उनमें से अधिकतर बुद्धि से काम नहीं लेते
English Sahih:
And if you asked them, "Who sends down rain from the sky and gives life thereby to the earth after its lifelessness?" they would surely say, "Allah." Say, "Praise to Allah"; but most of them do not reason. ([29] Al-'Ankabut : 63)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) अगर तुम उससे पूछो कि किसने आसमान से पानी बरसाया फिर उसके ज़रिये से ज़मीन को इसके मरने (परती होने) के बाद ज़िन्दा (आबाद) किया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने (ऐ रसूल) तुम कह दो अल्हम दो लिल्लाह-मगर उनमे से बहुतेरे (इतना भी) नहीं समझते