وَكَذٰلِكَ اَنْزَلْنَآ اِلَيْكَ الْكِتٰبَۗ فَالَّذِيْنَ اٰتَيْنٰهُمُ الْكِتٰبَ يُؤْمِنُوْنَ بِهٖۚ وَمِنْ هٰٓؤُلَاۤءِ مَنْ يُّؤْمِنُ بِهٖۗ وَمَا يَجْحَدُ بِاٰيٰتِنَآ اِلَّا الْكٰفِرُوْنَ ( العنكبوت: ٤٧ )
Wakathalika anzalna ilayka alkitaba faallatheena ataynahumu alkitaba yuminoona bihi wamin haolai man yuminu bihi wama yajhadu biayatina illa alkafiroona (al-ʿAnkabūt 29:47)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसी प्रकार हमने तुम्हारी ओर किताब अवतरित की है, तो जिन्हें हमने किताब प्रदान की है वे उसपर ईमान लाएँगे। उनमें से कुछ उसपर ईमान ला भी रहे है। हमारी आयतों का इनकार तो केवल न माननेवाले ही करते है
English Sahih:
And thus We have sent down to you the Book [i.e., the Quran]. And those to whom We [previously] gave the Scripture believe in it. And among these [people of Makkah] are those who believe in it. And none reject Our verses except the disbelievers. ([29] Al-'Ankabut : 47)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल जिस तरह अगले पैग़म्बरों पर किताबें उतारी) उसी तरह हमने तुम्हारे पास किताब नाज़िल की तो जिन लोगों को हमने (पहले) किताब अता की है वह उस पर भी ईमान रखते हैं और (अरबो) में से बाज़ वह हैं जो उस पर ईमान रखते हैं और हमारी आयतों के तो बस पक्के कट्टर काफिर ही मुनकिर है