وَعَادًا وَّثَمُوْدَا۟ وَقَدْ تَّبَيَّنَ لَكُمْ مِّنْ مَّسٰكِنِهِمْۗ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِيْلِ وَكَانُوْا مُسْتَبْصِرِيْنَ ۙ ( العنكبوت: ٣٨ )
Wa'adan wathamooda waqad tabayyana lakum min masakinihim wazayyana lahumu alshshaytanu a'malahum fasaddahum 'ani alssabeeli wakanoo mustabsireena (al-ʿAnkabūt 29:38)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और आद और समूद को भी हमने विनष्ट किया। और उनके घरों और बस्तियों के अवशेषों से तुमपर स्पष्ट हो चुका है। शैतान ने उनके कर्मों को उनके लिए सुहाना बना दिया और उन्हें संमार्ग से रोक दिया। यद्यपि वे बड़े तीक्ष्ण स्पष्ट वाले थे
English Sahih:
And [We destroyed] Aad and Thamud, and it has become clear to you from their [ruined] dwellings. And Satan had made pleasing to them their deeds and averted them from the path, and they were endowed with perception. ([29] Al-'Ankabut : 38)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और क़ौम आद और समूद को (भी हलाक कर डाला) और (ऐ अहले मक्का) तुम को तो उनके (उजड़े हुए) घर भी (रास्ता आते जाते) मालूम हो चुके और शैतान ने उनकी नज़र में उनके कामों को अच्छा कर दिखाया था और उन्हें (सीधी) राह (चलने) से रोक दिया था हालॉकि वह बड़े होशियार थे