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وَقَالَ اِنَّمَا اتَّخَذْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْثَانًاۙ مَّوَدَّةَ بَيْنِكُمْ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ۚ ثُمَّ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ يَكْفُرُ بَعْضُكُمْ بِبَعْضٍ وَّيَلْعَنُ بَعْضُكُمْ بَعْضًا ۖوَّمَأْوٰىكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِّنْ نّٰصِرِيْنَۖ   ( العنكبوت: ٢٥ )

And he said
وَقَالَ
और उसने कहा
"Only
إِنَّمَا
बेशक
you have taken
ٱتَّخَذْتُم
बना लिया तुमने
besides
مِّن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
idols
أَوْثَٰنًا
बुतों को
(out of) love
مَّوَدَّةَ
मोहब्बत का ज़रिया
among you
بَيْنِكُمْ
आपस में
in
فِى
ज़िन्दगी में
the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
(of) the world
ٱلدُّنْيَاۖ
दुनिया की
Then
ثُمَّ
फिर
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
you will deny
يَكْفُرُ
इन्कार करेगा
one another
بَعْضُكُم
बाज़ तुम्हारा
one another
بِبَعْضٍ
बाज़ का
and curse
وَيَلْعَنُ
और लानत करेगा
one another
بَعْضُكُم
बाज़ तुम्हारा
one another
بَعْضًا
बाज़ को
and your abode
وَمَأْوَىٰكُمُ
और ठिकाना तुम्हारा
(will be) the Fire
ٱلنَّارُ
आग है
and not
وَمَا
और नहीं
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
any
مِّن
कोई मददगार
helpers"
نَّٰصِرِينَ
कोई मददगार

Waqala innama ittakhathtum min dooni Allahi awthanan mawaddata baynikum fee alhayati alddunya thumma yawma alqiyamati yakfuru ba'dukum biba'din wayal'anu ba'dukum ba'dan wamawakumu alnnaru wama lakum min nasireena (al-ʿAnkabūt 29:25)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उसने कहा, 'अल्लाह से हटकर तुमने कुछ मूर्तियों को केवल सांसारिक जीवन में अपने पारस्परिक प्रेम के कारण पकड़ रखा है। फिर क़ियामत के दिन तुममें से एक-दूसरे का इनकार करेगा और तुममें से एक-दूसरे पर लानत करेगा। तुम्हारा ठौर-ठिकाना आग है और तुम्हारा कोई सहायक न होगा।'

English Sahih:

And [Abraham] said, "You have only taken, other than Allah, idols as [a bond of] affection among you in worldly life. Then on the Day of Resurrection you will deny one another and curse one another, and your refuge will be the Fire, and you will not have any helpers." ([29] Al-'Ankabut : 25)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और इबराहीम ने (अपनी क़ौम से) कहा कि तुम लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर बुतो को सिर्फ दुनिया की ज़िन्दगी में बाहम मोहब्त करने की वजह से (ख़ुदा) बना रखा है फिर क़यामत के दिन तुम में से एक का एक इनकार करेगा और एक दूसरे पर लानत करेगा और (आख़िर) तुम लोगों का ठिकाना जहन्नुम है और (उस वक्त तुम्हारा कोई भी मददगार न होगा)