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اِنَّمَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْثَانًا وَّتَخْلُقُوْنَ اِفْكًا ۗاِنَّ الَّذِيْنَ تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ لَا يَمْلِكُوْنَ لَكُمْ رِزْقًا فَابْتَغُوْا عِنْدَ اللّٰهِ الرِّزْقَ وَاعْبُدُوْهُ وَاشْكُرُوْا لَهٗ ۗاِلَيْهِ تُرْجَعُوْنَ   ( العنكبوت: ١٧ )

Only
إِنَّمَا
बेशक
you worship
تَعْبُدُونَ
तुम इबादत करते हो
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
idols
أَوْثَٰنًا
कुछ बुतों की
and you create
وَتَخْلُقُونَ
और तुम गढ़ते हो
falsehood
إِفْكًاۚ
झूट
Indeed
إِنَّ
बेशक
those whom
ٱلَّذِينَ
वो जिनकी
you worship
تَعْبُدُونَ
तुम इबादत करते हो
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
(do) not
لَا
नहीं वो मालिक हो सकते
possess
يَمْلِكُونَ
नहीं वो मालिक हो सकते
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
provision
رِزْقًا
रिज़्क़ के
So seek any
فَٱبْتَغُوا۟
पस तलाश करो
from
عِندَ
अल्लाह के पास
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के पास
the provision
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़
and worship Him
وَٱعْبُدُوهُ
और इबादत करो उसकी
and be grateful
وَٱشْكُرُوا۟
और शुक्र अदा करो
to Him
لَهُۥٓۖ
उसका
To Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
you will be returned
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे

Innama ta'budoona min dooni Allahi awthanan watakhluqoona ifkan inna allatheena ta'budoona min dooni Allahi la yamlikoona lakum rizqan faibtaghoo 'inda Allahi alrrizqa wao'budoohu waoshkuroo lahu ilayhi turja'oona (al-ʿAnkabūt 29:17)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम तो अल्लाह से हटकर बस मूर्तियों को पूज रहे हो और झूठ घड़ रहे हो। तुम अल्लाह से हटकर जिनको पूजते हो वे तुम्हारे लिए रोज़ी का भी अधिकार नहीं रखते। अतः तुम अल्लाह ही के यहाँ रोज़ी तलाश करो और उसी की बन्दगी करो और उसके आभारी बनो। तुम्हें उसी की ओर लौटकर जाना है

English Sahih:

You only worship, besides Allah, idols, and you produce a falsehood. Indeed, those you worship besides Allah do not possess for you [the power of] provision. So seek from Allah provision and worship Him and be grateful to Him. To Him you will be returned." ([29] Al-'Ankabut : 17)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(मगर) तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर सिर्फ बुतों की परसतिश करते हैं और झूठी बातें (अपने दिल से) गढ़ते हो इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा को छोड़कर जिन लोगों की तुम परसतिश करते हो वह तुम्हारी रोज़ी का एख्तेयार नही रखते-बस ख़ुदा ही से रोज़ी भी माँगों और उसकी इबादत भी करो उसका शुक्र करो (क्योंकि) तुम लोग (एक दिन) उसी की तरफ लौटाए जाओगे