فَاَنْجَيْنٰهُ وَاَصْحٰبَ السَّفِيْنَةِ وَجَعَلْنٰهَآ اٰيَةً لِّلْعٰلَمِيْنَ ( العنكبوت: ١٥ )
But We saved him
فَأَنجَيْنَٰهُ
तो निजात दी हमने उसे
and (the) people
وَأَصْحَٰبَ
और कश्ती वालों को
(of) the ship
ٱلسَّفِينَةِ
और कश्ती वालों को
and We made it
وَجَعَلْنَٰهَآ
और बना दिया हमने उसे
a Sign
ءَايَةً
एक निशानी
for the worlds
لِّلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए
Faanjaynahu waashaba alssafeenati waja'alnaha ayatan lil'alameena (al-ʿAnkabūt 29:15)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर उसको और नौकावालों को हमने बचा लिया और उसे सारे संसार के लिए एक निशानी बना दिया
English Sahih:
But We saved him and the companions of the ship, and We made it a sign for the worlds. ([29] Al-'Ankabut : 15)