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مَنْ جَاۤءَ بِالْحَسَنَةِ فَلَهٗ خَيْرٌ مِّنْهَاۚ وَمَنْ جَاۤءَ بِالسَّيِّئَةِ فَلَا يُجْزَى الَّذِيْنَ عَمِلُوا السَّيِّاٰتِ اِلَّا مَا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ   ( القصص: ٨٤ )

Whoever
مَن
जो कोई
comes
جَآءَ
लाया
with a good (deed)
بِٱلْحَسَنَةِ
भलाई
then for him
فَلَهُۥ
तो उसके लिए है
(will be) better
خَيْرٌ
बेहतर
than it;
مِّنْهَاۖ
उससे
and whoever
وَمَن
और जो कोई
comes
جَآءَ
लाया
with an evil (deed)
بِٱلسَّيِّئَةِ
बुराई
then not
فَلَا
तो नहीं
will be recompensed
يُجْزَى
वो बदला दिए जाऐंगे
those who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
do
عَمِلُوا۟
अमल किए
the evil (deeds)
ٱلسَّيِّـَٔاتِ
बुरे
except
إِلَّا
मगर
what
مَا
उसका जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते

Man jaa bialhasanati falahu khayrun minha waman jaa bialssayyiati fala yujza allatheena 'amiloo alssayyiati illa ma kanoo ya'maloona (al-Q̈aṣaṣ 28:84)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो कोई अच्छा आचारण लेकर आया उसे उससे उत्तम प्राप्त होगा, और जो बुरा आचरण लेकर आया तो बुराइयाँ करनेवालों को तो वस वही मिलेगा जो वे करते थे

English Sahih:

Whoever comes [on the Day of Judgement] with a good deed will have better than it; and whoever comes with an evil deed – then those who did evil deeds will not be recompensed except [as much as] what they used to do. ([28] Al-Qasas : 84)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो शख्स नेकी करेगा तो उसके लिए उसे कहीं बेहतर बदला है औ जो बुरे काम करेगा तो वह याद रखे कि जिन लोगों ने बुराइयाँ की हैं उनका वही बदला हे जो दुनिया में करते रहे हैं