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قَالَ اِنَّمَآ اُوْتِيْتُهٗ عَلٰى عِلْمٍ عِنْدِيْۗ اَوَلَمْ يَعْلَمْ اَنَّ اللّٰهَ قَدْ اَهْلَكَ مِنْ قَبْلِهٖ مِنَ الْقُرُوْنِ مَنْ هُوَ اَشَدُّ مِنْهُ قُوَّةً وَّاَكْثَرُ جَمْعًا ۗوَلَا يُسْـَٔلُ عَنْ ذُنُوْبِهِمُ الْمُجْرِمُوْنَ   ( القصص: ٧٨ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"Only
إِنَّمَآ
बेशक
I have been given it
أُوتِيتُهُۥ
दिया गया हूँ मैं इसे
on (account)
عَلَىٰ
इल्म कि बिना पर
(of) knowledge
عِلْمٍ
इल्म कि बिना पर
I have"
عِندِىٓۚ
जो मेरे पास है
Did not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
he know
يَعْلَمْ
उसने जाना
that
أَنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह ने
indeed
قَدْ
तहक़ीक़
destroyed
أَهْلَكَ
उसने हलाक कर दिया
before him
مِن
इससे पहले
before him
قَبْلِهِۦ
इससे पहले
of
مِنَ
कई उम्मतों को
the generations
ٱلْقُرُونِ
कई उम्मतों को
who
مَنْ
वो जो
[they]
هُوَ
वो जो
(were) stronger
أَشَدُّ
ज़्यादा सख़्त थीं
than him
مِنْهُ
उससे
(in) strength
قُوَّةً
क़ुव्वत में
and greater
وَأَكْثَرُ
और अक्सर
(in) accumulation
جَمْعًاۚ
जमीअत में
And not
وَلَا
और नहीं
will be questioned
يُسْـَٔلُ
पूछे जाते
about
عَن
अपने गुनाहों के बारे में
their sins
ذُنُوبِهِمُ
अपने गुनाहों के बारे में
the criminals
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम

Qala innama ooteetuhu 'ala 'ilmin 'indee awalam ya'lam anna Allaha qad ahlaka min qablihi mina alqurooni man huwa ashaddu minhu quwwatan waaktharu jam'an wala yusalu 'an thunoobihimu almujrimoona (al-Q̈aṣaṣ 28:78)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'मुझे तो यह मेरे अपने व्यक्तिगत ज्ञान के कारण मिला है।' क्या उसने यह नहीं जाना कि अल्लाह उससे पहले कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर चुका है जो शक्ति में उससे बढ़-चढ़कर और बाहुल्य में उससे अधिक थीं? अपराधियों से तो (उनकी तबाही के समय) उनके गुनाहों के विषय में पूछा भी नहीं जाता

English Sahih:

He said, "I was only given it because of knowledge I have." Did he not know that Allah had destroyed before him of generations those who were greater than him in power and greater in accumulation [of wealth]? But the criminals, about their sins, will not be asked. ([28] Al-Qasas : 78)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो क़ारुन कहने लगा कि ये (माल व दौलत) तो मुझे अपने इल्म (कीमिया) की वजह से हासिल होता है क्या क़ारुन ने ये भी न ख्याल किया कि अल्लाह उसके पहले उन लोगों को हलाक़ कर चुका है जो उससे क़ूवत और हैसियत में कहीं बढ़ बढ़ के थे और गुनाहगारों से (उनकी सज़ा के वक्त) उनके गुनाहों की पूछताछ नहीं हुआ करती