وَابْتَغِ فِيْمَآ اٰتٰىكَ اللّٰهُ الدَّارَ الْاٰخِرَةَ وَلَا تَنْسَ نَصِيْبَكَ مِنَ الدُّنْيَا وَاَحْسِنْ كَمَآ اَحْسَنَ اللّٰهُ اِلَيْكَ وَلَا تَبْغِ الْفَسَادَ فِى الْاَرْضِ ۗاِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْمُفْسِدِيْنَ ( القصص: ٧٧ )
Waibtaghi feema ataka Allahu alddara alakhirata wala tansa naseebaka mina alddunya waahsin kama ahsana Allahu ilayka wala tabghi alfasada fee alardi inna Allaha la yuhibbu almufsideena (al-Q̈aṣaṣ 28:77)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो कुछ अल्लाह ने तुझे दिया है, उसमें आख़िरत के घर का निर्माण कर और दुनिया में से अपना हिस्सा न भूल, और भलाई कर, जैसा कि अल्लाह ने तेरे साथ भलाई की है, और धरती का बिगाड़ मत चाह। निश्चय ही अल्लाह बिगाड़ पैदा करनेवालों को पसन्द नहीं करता।'
English Sahih:
But seek, through that which Allah has given you, the home of the Hereafter; and [yet], do not forget your share of the world. And do good as Allah has done good to you. And desire not corruption in the land. Indeed, Allah does not like corrupters." ([28] Al-Qasas : 77)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो कुछ ख़ुदा ने तूझे दे रखा है उसमें आख़िरत के घर की भी जुस्तजू कर और दुनिया से जिस क़दर तेरा हिस्सा है मत भूल जा और जिस तरह ख़ुदा ने तेरे साथ एहसान किया है तू भी औरों के साथ एहसान कर और रुए ज़मीन में फसाद का ख्वाहा न हो-इसमें शक नहीं कि ख़ुदा फ़साद करने वालों को दोस्त नहीं रखता