وَاَوْحَيْنَآ اِلٰٓى اُمِّ مُوْسٰٓى اَنْ اَرْضِعِيْهِۚ فَاِذَا خِفْتِ عَلَيْهِ فَاَلْقِيْهِ فِى الْيَمِّ وَلَا تَخَافِيْ وَلَا تَحْزَنِيْ ۚاِنَّا رَاۤدُّوْهُ اِلَيْكِ وَجَاعِلُوْهُ مِنَ الْمُرْسَلِيْنَ ( القصص: ٧ )
Waawhayna ila ommi moosa an ardi'eehi faitha khifti 'alayhi faalqeehi fee alyammi wala takhafee wala tahzanee inna raddoohu ilayki waja'iloohu mina almursaleena (al-Q̈aṣaṣ 28:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने मूसा की माँ को संकेत किया कि 'उसे दूध पिला फिर जब तुझे उसके विषय में भय हो, तो उसे दरिया में डाल दे और न तुझे कोई भय हो और न तू शोकाकुल हो। हम उसे तेरे पास लौटा लाएँगे और उसे रसूल बनाएँगे।'
English Sahih:
And We inspired to the mother of Moses, "Suckle him; but when you fear for him, cast him into the river and do not fear and do not grieve. Indeed, We will return him to you and will make him [one] of the messengers." ([28] Al-Qasas : 7)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हमने मूसा की माँ के पास ये वही भेजी कि तुम उसको दूध पिला लो फिर जब उसकी निस्बत तुमको कोई ख़ौफ हो तो इसको (एक सन्दूक़ में रखकर) दरिया में डाल दो और (उस पर) तुम कुछ न डरना और न कुढ़ना (तुम इतमेनान रखो) हम उसको फिर तुम्हारे पास पहुँचा देगें और उसको (अपना) रसूल बनाएँगें