قَالَ الَّذِيْنَ حَقَّ عَلَيْهِمُ الْقَوْلُ رَبَّنَا هٰٓؤُلَاۤءِ الَّذِيْنَ اَغْوَيْنَاۚ اَغْوَيْنٰهُمْ كَمَا غَوَيْنَاۚ تَبَرَّأْنَآ اِلَيْكَ مَا كَانُوْٓا اِيَّانَا يَعْبُدُوْنَ ( القصص: ٦٣ )
Qala allatheena haqqa 'alayhimu alqawlu rabbana haolai allatheena aghwayna aghwaynahum kama ghawayna tabarrana ilayka ma kanoo iyyana ya'budoona (al-Q̈aṣaṣ 28:63)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिनपर बात पूरी हो चुकी होगी, वे कहेंगे, 'ऐ हमारे रब! ये वे लोग है जिन्हें हमने बहका दिया था। जैसे हम स्वयं बहके थे, इन्हें भी बहकाया। हमने तेरे आगे स्पष्ट कर दिया कि इनसे हमारा कोई सम्बन्ध नहीं। ये हमारी बन्दगी तो करते नहीं थे?'
English Sahih:
Those upon whom the word will have come into effect will say, "Our Lord, these are the ones we led to error. We led them to error just as we were in error. We declare our disassociation [from them] to You. They did not used to worship [i.e., obey] us." ([28] Al-Qasas : 63)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
वह लोग जो हमारे अज़ाब के मुस्ताजिब हो चुके हैं कह देगे कि परवरदिगार यही वह लोग हैं जिन्हें हमने गुमराह किया था जिस तरह हम ख़़ुद गुमराह हुए उसी तरह हमने इनको गुमराह किया-अब हम तेरी बारगाह में (उनसे) दस्तबरदार होते है-ये लोग हमारी इबादत नहीं करते थे