وَنُمَكِّنَ لَهُمْ فِى الْاَرْضِ وَنُرِيَ فِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ وَجُنُوْدَهُمَا مِنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَحْذَرُوْنَ ( القصص: ٦ )
And [We] establish
وَنُمَكِّنَ
और हम इक़तिदार बख़्शें
them
لَهُمْ
उन्हें
in
فِى
ज़मीन में
the land
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and show
وَنُرِىَ
और हम दिखा दें
Firaun
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन को
and Haman
وَهَٰمَٰنَ
और हामान को
and their hosts
وَجُنُودَهُمَا
और उन दोनों के लश्करों को
through them
مِنْهُم
उनसे
what
مَّا
(वो चीज़) जिससे
they were
كَانُوا۟
थे वो
fearing
يَحْذَرُونَ
वो डरते
Wanumakkina lahum fee alardi wanuriya fir'awna wahamana wajunoodahuma minhum ma kanoo yahtharoona (al-Q̈aṣaṣ 28:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और धरती में उन्हें सत्ताधिकार प्रदान करें और उनकी ओर से फ़िरऔन और हामान और उनकी सेनाओं को वह कुछ दिखाएँ, जिसकी उन्हें आशंका थी
English Sahih:
And establish them in the land and show Pharaoh and [his minister] Haman and their soldiers through them that which they had feared. ([28] Al-Qasas : 6)