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وَاِذَا يُتْلٰى عَلَيْهِمْ قَالُوْٓا اٰمَنَّا بِهٖٓ اِنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّنَآ اِنَّا كُنَّا مِنْ قَبْلِهٖ مُسْلِمِيْنَ   ( القصص: ٥٣ )

And when
وَإِذَا
और जब
it is recited
يُتْلَىٰ
पढ़ा जाता है
to them
عَلَيْهِمْ
उन पर (क़ुरआन)
they say
قَالُوٓا۟
वो कहते हैं
"We believe
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
in it
بِهِۦٓ
उस पर
Indeed, it
إِنَّهُ
बेशक वो
(is) the truth
ٱلْحَقُّ
हक़ है
from
مِن
हमारे रब की तरफ़ से
our Lord
رَّبِّنَآ
हमारे रब की तरफ़ से
Indeed, we
إِنَّا
बेशक हम
[we] were
كُنَّا
थे हम
before it
مِن
इससे पहले ही
before it
قَبْلِهِۦ
इससे पहले ही
Muslims"
مُسْلِمِينَ
फ़रमाबरदार

Waitha yutla 'alayhim qaloo amanna bihi innahu alhaqqu min rabbina inna kunna min qablihi muslimeena (al-Q̈aṣaṣ 28:53)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जब यह उनको पढ़कर सुनाया जाता है तो वे कहते है, 'हम इसपर ईमान लाए। निश्चय ही यह सत्य है हमारे रब की ओर से। हम तो इससे पहले ही से मुस्लिम (आज्ञाकारी) हैं।'

English Sahih:

And when it is recited to them, they say, "We have believed in it; indeed, it is the truth from our Lord. Indeed we were, [even] before it, Muslims [i.e., submitting to Allah]." ([28] Al-Qasas : 53)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब उनके सामने ये पढ़ा जाता है तो बोल उठते हैं कि हम तो इस पर ईमान ला चुके बेशक ये ठीक है (और) हमारे परवरदिगार की तरफ से है हम तो इसको पहले ही मानते थे