فَاِنْ لَّمْ يَسْتَجِيْبُوْا لَكَ فَاعْلَمْ اَنَّمَا يَتَّبِعُوْنَ اَهْوَاۤءَهُمْۗ وَمَنْ اَضَلُّ مِمَّنِ اتَّبَعَ هَوٰىهُ بِغَيْرِ هُدًى مِّنَ اللّٰهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ ࣖ ( القصص: ٥٠ )
Fain lam yastajeeboo laka fai'lam annama yattabi'oona ahwaahum waman adallu mimmani ittaba'a hawahu bighayri hudan mina Allahi inna Allaha la yahdee alqawma alththalimeena (al-Q̈aṣaṣ 28:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अब यदि वे तुम्हारी माँग पूरी न करें तो जान लो कि वे केवल अपनी इच्छाओं के पीछे चलते है। और उस व्यक्ति से बढ़कर भटका हुआ कौन होगा जो अल्लाह की ओर से किसी मार्गदर्शन के बिना अपनी इच्छा पर चले? निश्चय ही अल्लाह ज़ालिम लोगों को मार्ग नहीं दिखाता
English Sahih:
But if they do not respond to you – then know that they only follow their [own] desires. And who is more astray than one who follows his desire without guidance from Allah? Indeed, Allah does not guide the wrongdoing people. ([28] Al-Qasas : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
कि मै भी उस पर चलँ फिर अगर ये लोग (इस पर भी) न मानें तो समझ लो कि ये लोग बस अपनी हवा व हवस की पैरवी करते है और जो शख्स ख़ुदा की हिदायत को छोड़ कर अपनी हवा व हवस की पैरवी करते है उससे ज्यादा गुमराह कौन होगा बेशक ख़ुदा सरकश लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता