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فَلَمَّا جَاۤءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوْا لَوْلَآ اُوْتِيَ مِثْلَ مَآ اُوْتِيَ مُوْسٰىۗ اَوَلَمْ يَكْفُرُوْا بِمَآ اُوْتِيَ مُوْسٰى مِنْ قَبْلُۚ قَالُوْا سِحْرٰنِ تَظَاهَرَاۗ وَقَالُوْٓا اِنَّا بِكُلٍّ كٰفِرُوْنَ   ( القصص: ٤٨ )

But when
فَلَمَّا
तो जब
came to them
جَآءَهُمُ
पास आया उनके
the truth
ٱلْحَقُّ
हक़
from Us
مِنْ
हमारे पास से
from Us
عِندِنَا
हमारे पास से
they said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Why not
لَوْلَآ
क्यों ना
he was given
أُوتِىَ
वो दिया गया
(the) like
مِثْلَ
मानिन्द
(of) what
مَآ
उसके जो
was given
أُوتِىَ
दिए गए
(to) Musa?"
مُوسَىٰٓۚ
मूसा
Did not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
they disbelieve
يَكْفُرُوا۟
कुफ़्र किया उन्होंने
in what
بِمَآ
उसका जो
was given
أُوتِىَ
दिए गए
(to) Musa
مُوسَىٰ
मूसा
before?
مِن
इससे पहले
before?
قَبْلُۖ
इससे पहले
They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Two magic (works)
سِحْرَانِ
दोनों जादू हैं
supporting each other"
تَظَٰهَرَا
एक दूसरे की मदद करते हैं
And they said
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
"Indeed, we
إِنَّا
बेशक हम
in all
بِكُلٍّ
हर एक के
(are) disbelievers"
كَٰفِرُونَ
इन्कारी हैं

Falamma jaahumu alhaqqu min 'indina qaloo lawla ootiya mithla ma ootiya moosa awalam yakfuroo bima ootiya moosa min qablu qaloo sihrani tathahara waqaloo inna bikullin kafiroona (al-Q̈aṣaṣ 28:48)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब उनके पास हमारे यहाँ से सत्य आ गया तो वे कहने लगे कि 'जो चीज़ मूसा को मिली थी उसी तरह की चीज़ इसे क्यों न मिली?' क्या वे उसका इनकार नहीं कर चुके है, जो इससे पहले मूसा को प्रदान किया गया था? उन्होंने कहा, 'दोनों जादू है जो एक-दूसरे की सहायता करते है।' और कहा, 'हम तो हरेक का इनकार करते है।'

English Sahih:

But when the truth came to them from Us, they said, "Why was he not given like that which was given to Moses?" Did they not disbelieve in that which was given to Moses before? They said, "[They are but] two works of magic supporting each other, and indeed we are, in both, disbelievers." ([28] Al-Qasas : 48)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर फिर जब हमारी बारगाह से (दीन) हक़ उनके पास पहुँचा तो कहने लगे जैसे (मौजिज़े) मूसा को अता हुए थे वैसे ही इस रसूल (मोहम्मद) को क्यों नही दिए गए क्या जो मौजिज़े इससे पहले मूसा को अता हुए थे उनसे इन लोगों ने इन्कार न किया था कुफ्फ़ार तो ये भी कह गुज़रे कि ये दोनों के दोनों (तौरैत व कुरान) जादू हैं कि बाहम एक दूसरे के मददगार हो गए हैं