اُسْلُكْ يَدَكَ فِيْ جَيْبِكَ تَخْرُجْ بَيْضَاۤءَ مِنْ غَيْرِ سُوْۤءٍ ۖوَّاضْمُمْ اِلَيْكَ جَنَاحَكَ مِنَ الرَّهْبِ فَذٰنِكَ بُرْهَانٰنِ مِنْ رَّبِّكَ اِلٰى فِرْعَوْنَ وَمَلَا۟ىِٕهٖۗ اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِيْنَ ( القصص: ٣٢ )
Osluk yadaka fee jaybika takhruj baydaa min ghayri sooin waodmum ilayka janahaka mina alrrahbi fathanika burhanani min rabbika ila fir'awna wamalaihi innahum kanoo qawman fasiqeena (al-Q̈aṣaṣ 28:32)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अपना हाथ अपने गिरेबान में डाल। बिना किसी ख़राबी के चमकता हुआ निकलेगा। और भय के समय अपनी भुजा को अपने से मिलाए रख। ये दो निशानियाँ है तेरे रब की ओर से फ़िरऔन और उसके दरबारियों के पास लेकर जाने के लिए। निश्चय ही वे बड़े अवज्ञाकारी लोग है।'
English Sahih:
Insert your hand into the opening of your garment; it will come out white, without disease. And draw in your arm close to you [as prevention] from fear, for those are two proofs from your Lord to Pharaoh and his establishment. Indeed, they have been a people defiantly disobedient." ([28] Al-Qasas : 32)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(अच्छा और लो) अपना हाथ गरेबान में डालो (और निकाल लो) तो सफेद बुर्राक़ होकर बेऐब निकल आया और ख़ौफ की (वजह) से अपने बाजू अपनी तरफ समेट लो (ताकि ख़ौफ जाता रहे) ग़रज़ ये दोनों (असा व यदे बैज़ा) तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से (तुम्हारी नुबूवत की) दो दलीलें फिरऔन और उसके दरबार के सरदारों के वास्ते हैं और इसमें शक नहीं कि वह बदकार लोग थे