قَالَ اِنِّيْٓ اُرِيْدُ اَنْ اُنْكِحَكَ اِحْدَى ابْنَتَيَّ هٰتَيْنِ عَلٰٓى اَنْ تَأْجُرَنِيْ ثَمٰنِيَ حِجَجٍۚ فَاِنْ اَتْمَمْتَ عَشْرًا فَمِنْ عِنْدِكَۚ وَمَآ اُرِيْدُ اَنْ اَشُقَّ عَلَيْكَۗ سَتَجِدُنِيْٓ اِنْ شَاۤءَ اللّٰهُ مِنَ الصّٰلِحِيْنَ ( القصص: ٢٧ )
Qala innee oreedu an onkihaka ihda ibnatayya hatayni 'ala an tajuranee thamaniya hijajin fain atmamta 'ashran famin 'indika wama oreedu an ashuqqa 'alayka satajidunee in shaa Allahu mina alssaliheena (al-Q̈aṣaṣ 28:27)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मैं चाहता हूँ कि अपनी इन दोनों बेटियों में से एक का विवाह तुम्हारे साथ इस शर्त पर कर दूँ कि तुम आठ वर्ष तक मेरे यहाँ नौकरी करो। और यदि तुम दस वर्ष पूरे कर दो, तो यह तुम्हारी ओर से होगा। मैं तुम्हें कठिनाई में डालना नहीं चाहता। यदि अल्लाह ने चाहा तो तुम मुझे नेक पाओगे।'
English Sahih:
He said, "Indeed, I wish to wed you one of these, my two daughters, on [the condition] that you serve me for eight years; but if you complete ten, it will be [as a favor] from you. And I do not wish to put you in difficulty. You will find me, if Allah wills, from among the righteous." ([28] Al-Qasas : 27)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(और इनमें दोनों बातें पायी जाती हैं तब) शुएब ने कहा मै चाहता हूँ कि अपनी दोनों लड़कियों में से एक के साथ तुम्हारा इस (महर) पर निकाह कर दूँ कि तुम आठ बरस तक मेरी नौकरी करो और अगर तुम दस बरस पूरे कर दो तो तुम्हारा एहसान और मै तुम पर मेहनत मशक्क़त भी डालना नही चाहता और तुम मुझे इन्शा अल्लाह नेको कार आदमी पाओगे