فَرَدَدْنٰهُ اِلٰٓى اُمِّهٖ كَيْ تَقَرَّ عَيْنُهَا وَلَا تَحْزَنَ وَلِتَعْلَمَ اَنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُوْنَ ࣖ ( القصص: ١٣ )
So We restored him
فَرَدَدْنَٰهُ
तो लौटा दिया हमने उसे
to
إِلَىٰٓ
तरफ़ उसकी माँ के
his mother
أُمِّهِۦ
तरफ़ उसकी माँ के
that
كَىْ
ताकि
might be comforted
تَقَرَّ
ठंडी हों
her eye
عَيْنُهَا
आँखें उसकी
and not
وَلَا
और ना
she may grieve
تَحْزَنَ
वो ग़मगीन हो
and that she would know
وَلِتَعْلَمَ
और ताकि वो जान ले
that
أَنَّ
यक़ीनन
the Promise of Allah
وَعْدَ
वादा
the Promise of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
(is) true
حَقٌّ
सच्चा है
But
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
most of them
أَكْثَرَهُمْ
अक्सर उनके
(do) not
لَا
नहीं वो जानते
know
يَعْلَمُونَ
नहीं वो जानते
Faradadnahu ila ommihi kay taqarra 'aynuha wala tahzana walita'lama anna wa'da Allahi haqqun walakinna aktharahum la ya'lamoona (al-Q̈aṣaṣ 28:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इस प्रकार हम उसे उसकी माँ के पास लौटा लाए, ताकि उसकी आँख ठंड़ी हो और वह शोकाकुल न हो और ताकि वह जान ले कि अल्लाह का वादा सच्चा है, किन्तु उनमें से अधिकतर लोग जानते नहीं
English Sahih:
So We restored him to his mother that she might be content and not grieve and that she would know that the promise of Allah is true. But most of them [i.e., the people] do not know. ([28] Al-Qasas : 13)