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وَتَرَى الْجِبَالَ تَحْسَبُهَا جَامِدَةً وَّهِيَ تَمُرُّ مَرَّ السَّحَابِۗ صُنْعَ اللّٰهِ الَّذِيْٓ اَتْقَنَ كُلَّ شَيْءٍۗ اِنَّهٗ خَبِيْرٌ ۢبِمَا تَفْعَلُوْنَ  ( النمل: ٨٨ )

And you see
وَتَرَى
और आप देखते हैं
the mountains
ٱلْجِبَالَ
पहाड़ों को
thinking them
تَحْسَبُهَا
आप समझते हैं उन्हें
firmly fixed
جَامِدَةً
जामिद
while they
وَهِىَ
हालाँकि वो
will pass
تَمُرُّ
वो चलते हैं
(as the) passing
مَرَّ
चलना
(of) the clouds
ٱلسَّحَابِۚ
बादलों का
(The) Work
صُنْعَ
कारीगरी / सनअत है
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
Who
ٱلَّذِىٓ
वो जिसने
perfected
أَتْقَنَ
मज़बूत बनाया
all
كُلَّ
हर
things
شَىْءٍۚ
चीज़ को
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) All-Aware
خَبِيرٌۢ
ख़ूब ख़बर रखने वाला है
of what
بِمَا
उसकी जो
you do
تَفْعَلُونَ
तुम करते हो

Watara aljibala tahsabuha jamidatan wahiya tamurru marra alssahabi sun'a Allahi allathee atqana kulla shayin innahu khabeerun bima taf'aloona (an-Naml 27:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और तुम पहाड़ों को देखकर समझते हो कि वे जमे हुए है, हालाँकि वे चल रहे होंगे, जिस प्रकार बादल चलते है। यह अल्लाह की कारीगरी है, जिसने हर चीज़ को सुदृढ़ किया। निस्संदेह वह उसकी ख़बर रखता है, जो कुछ तुम करते हो

English Sahih:

And you see the mountains, thinking them motionless, while they will pass as the passing of clouds. [It is] the work of Allah, who perfected all things. Indeed, He is Aware of that which you do. ([27] An-Naml : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तुम पहाड़ों को देखकर उन्हें मज़बूर जमे हुए समझतें हो हालाकि ये (क़यामत के दिन) बादल की तरह उड़े उडे फ़िरेगें (ये भी) ख़ुदा की कारीगरी है कि जिसने हर चीज़ को ख़ूब मज़बूत बनाया है बेशक जो कुछ तुम लोग करते हो उससे वह ख़ूब वाक़िफ़ है