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وَصَدَّهَا مَا كَانَتْ تَّعْبُدُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۗاِنَّهَا كَانَتْ مِنْ قَوْمٍ كٰفِرِيْنَ   ( النمل: ٤٣ )

And has averted her
وَصَدَّهَا
और रोक रखा था उसे
what
مَا
जिसकी
she used (to)
كَانَت
थी वो
worship
تَّعْبُدُ
वो इबादत करती
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِۖ
अल्लाह के
Indeed, she
إِنَّهَا
बेशक वो
was
كَانَتْ
थी वो
from
مِن
क़ौम से
a people
قَوْمٍ
क़ौम से
who disbelieve
كَٰفِرِينَ
काफ़िरों की

Wasaddaha ma kanat ta'budu min dooni Allahi innaha kanat min qawmin kafireena (an-Naml 27:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह से हटकर वह दूसरे को पूजती थी। इसी चीज़ ने उसे रोक रखा था। निस्संदेह वह एक इनकार करनेवाली क़ौम में से थी

English Sahih:

And that which she was worshipping other than Allah had averted her [from submission to Him]. Indeed, she was from a disbelieving people." ([27] An-Naml : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा के सिवा जिसे वह पूजती थी सुलेमान ने उससे उसे रोक दिया क्योंकि वह काफिर क़ौम की थी (और आफताब को पूजती थी)