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وَجَحَدُوْا بِهَا وَاسْتَيْقَنَتْهَآ اَنْفُسُهُمْ ظُلْمًا وَّعُلُوًّاۗ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُفْسِدِيْنَ ࣖ   ( النمل: ١٤ )

And they rejected
وَجَحَدُوا۟
और उन्होंने इन्कार किया
them
بِهَا
उनका
though were convinced with them (signs)
وَٱسْتَيْقَنَتْهَآ
हालाँकि यक़ीन कर लिया था उसका
themselves
أَنفُسُهُمْ
उनके दिलों ने
(out of) injustice
ظُلْمًا
ज़ुल्म
and haughtiness
وَعُلُوًّاۚ
और सरकशी से
So see
فَٱنظُرْ
तो देखो
how
كَيْفَ
किस तरह
was
كَانَ
हुआ
(the) end
عَٰقِبَةُ
अनजाम
(of) the corrupters
ٱلْمُفْسِدِينَ
फ़साद करने वालों का

Wajahadoo biha waistayqanatha anfusuhum thulman wa'uluwwan faonthur kayfa kana 'aqibatu almufsideena (an-Naml 27:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने ज़ुल्म और सरकशी से उनका इनकार कर दिया, हालाँकि उनके जी को उनका विश्वास हो चुका था। अब देख लो इन बिगाड़ पैदा करनेवालों का क्या परिणाम हुआ?

English Sahih:

And they rejected them, while their [inner] selves were convinced thereof, out of injustice and haughtiness. So see how was the end of the corrupters. ([27] An-Naml : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और बावजूद के उनके दिल को उन मौजिज़ात का यक़ीन था मगर फिर भी उन लोगों ने सरकशी और तकब्बुर से उनको न माना तो (ऐ रसूल) देखो कि (आखिर) मुफसिदों का अन्जाम क्या होगा