وَاِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ يَشْفِيْنِ ۙ ( الشعراء: ٨٠ )
And when
وَإِذَا
और जब
I am ill
مَرِضْتُ
बीमार होता हूँ मैं
then He
فَهُوَ
तो वो ही
cures me
يَشْفِينِ
वो शिफ़ा देता है मुझे
Waitha maridtu fahuwa yashfeeni (aš-Šuʿarāʾ 26:80)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे अच्छा करता है
English Sahih:
And when I am ill, it is He who cures me. ([26] Ash-Shu'ara : 80)