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اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً ۗوَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِيْنَ   ( الشعراء: ٦٧ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
उसमें
that
ذَٰلِكَ
उसमें
surely (is) a Sign
لَءَايَةًۖ
अलबत्ता एक निशानी है
but not
وَمَا
और ना
are
كَانَ
थे
most of them
أَكْثَرُهُم
अक्सर उनके
believers
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लान वाले

Inna fee thalika laayatan wama kana aktharuhum mumineena (aš-Šuʿarāʾ 26:67)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं

English Sahih:

Indeed in that is a sign, but most of them were not to be believers. ([26] Ash-Shu'ara : 67)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और उनमें अक्सर ईमान लाने वाले ही न थे