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وَمَا يَأْتِيْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنَ الرَّحْمٰنِ مُحْدَثٍ اِلَّا كَانُوْا عَنْهُ مُعْرِضِيْنَ   ( الشعراء: ٥ )

And (does) not
وَمَا
और नहीं
come to them
يَأْتِيهِم
आती उनके पास
any
مِّن
कोई नसीहत
reminder
ذِكْرٍ
कोई नसीहत
from
مِّنَ
रहमान की तरफ़ से
the Most Gracious
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान की तरफ़ से
new
مُحْدَثٍ
नई
but
إِلَّا
मगर
they
كَانُوا۟
वो होते हैं
from it
عَنْهُ
उससे
turn away
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले

Wama yateehim min thikrin mina alrrahmani muhdathin illa kanoo 'anhu mu'rideena (aš-Šuʿarāʾ 26:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके पास रहमान की ओर से जो नवीन अनुस्मृति भी आती है, वे उससे मुँह फेर ही लेते है

English Sahih:

And no mention [i.e., revelation] comes to them anew from the Most Merciful except that they turn away from it. ([26] Ash-Shu'ara : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (लोगों का क़ायदा है कि) जब उनके पास कोई कोई नसीहत की बात ख़ुदा की तरफ से आयी तो ये लोग उससे मुँह फेरे बगैर नहीं रहे