اِلَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَذَكَرُوا اللّٰهَ كَثِيْرًا وَّانْتَصَرُوْا مِنْۢ بَعْدِ مَا ظُلِمُوْا ۗوَسَيَعْلَمُ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْٓا اَيَّ مُنْقَلَبٍ يَّنْقَلِبُوْنَ ࣖ ( الشعراء: ٢٢٧ )
Illa allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati wathakaroo Allaha katheeran waintasaroo min ba'di ma thulimoo wasaya'lamu allatheena thalamoo ayya munqalabin yanqaliboona (aš-Šuʿarāʾ 26:227)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे नहीं जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और अल्लाह को अधिक .याद किया। औऱ इसके बाद कि उनपर ज़ुल्म किया गया तो उन्होंने उसका प्रतिकार किया और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया, उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा कि वे किस जगह पलटते हैं
English Sahih:
Except those [poets] who believe and do righteous deeds and remember Allah often and defend [the Muslims] after they were wronged. And those who have wronged are going to know to what [kind of] return they will be returned. ([26] Ash-Shu'ara : 227)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
मगर (हाँ) जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और क़सरत से ख़ुदा का ज़िक्र किया करते हैं और जब उन पर ज़ुल्म किया जा चुका उसके बाद उन्होंनें बदला लिया और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया है उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि वह किस जगह लौटाए जाएँगें