وَتِلْكَ نِعْمَةٌ تَمُنُّهَا عَلَيَّ اَنْ عَبَّدْتَّ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ ۗ ( الشعراء: ٢٢ )
And this
وَتِلْكَ
और यही है
(is the) favor
نِعْمَةٌ
वो एहसान
with which you reproach
تَمُنُّهَا
तुम जतला रहे हो जिसे
[on] me
عَلَىَّ
मुझ पर
that
أَنْ
कि
you have enslaved
عَبَّدتَّ
ग़ुलाम बना रखा है तुमने
(the) Children of Israel"
بَنِىٓ
बनी इस्राईल को
(the) Children of Israel"
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल को
Watilka ni'matun tamunnuha 'alayya an 'abbadta banee israeela (aš-Šuʿarāʾ 26:22)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यही वह उदार अनुग्रह है जिसका रहमान तू मुझपर जताता है कि तूने इसराईल की सन्तान को ग़ुलाम बना रखा है।'
English Sahih:
And is this a favor of which you remind me – that you have enslaved the Children of Israel?" ([26] Ash-Shu'ara : 22)