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اَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُوْنَ   ( الشعراء: ٢٠٤ )

So is it for Our punishment
أَفَبِعَذَابِنَا
क्या फिर हमारे अज़ाब को
they wish to hasten?
يَسْتَعْجِلُونَ
वो जल्दी माँगते हैं

Afabi'athabina yasta'jiloona (aš-Šuʿarāʾ 26:204)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे है?

English Sahih:

So for Our punishment are they impatient? ([26] Ash-Shu'ara : 204)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं