Skip to main content

وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ اَشْيَاۤءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِى الْاَرْضِ مُفْسِدِيْنَ ۚ   ( الشعراء: ١٨٣ )

And (do) not
وَلَا
और ना
deprive
تَبْخَسُوا۟
तुम कम कर के दो
people
ٱلنَّاسَ
लोगों को
(of) their things
أَشْيَآءَهُمْ
चीज़ें उनकी
and (do) not
وَلَا
और ना
commit evil
تَعْثَوْا۟
तुम फ़साद करो
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
spreading corruption
مُفْسِدِينَ
मुफ़सिद बनकर

Wala tabkhasoo alnnasa ashyaahum wala ta'thaw fee alardi mufsideena (aš-Šuʿarāʾ 26:183)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो और धरती में बिगाड़ और फ़साद मचाते मत फिरो

English Sahih:

And do not deprive people of their due and do not commit abuse on earth, spreading corruption. ([26] Ash-Shu'ara : 183)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और लोगों को उनकी चीज़े (जो ख़रीदें) कम न ज्यादा करो और ज़मीन से फसाद न फैलाते फिरो