اِنِّيْٓ اَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيْمٍ ۗ ( الشعراء: ١٣٥ )
Indeed I
إِنِّىٓ
बेशक मैं
[I] fear
أَخَافُ
मैं डरता हूँ
for you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
(the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब से
(of) a Day
يَوْمٍ
बड़े दिन के
Great"
عَظِيمٍ
बड़े दिन के
Innee akhafu 'alaykum 'athaba yawmin 'atheemin (aš-Šuʿarāʾ 26:135)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निश्चय ही मुझे तुम्हारे बारे में एक बड़े दिन की यातना का भय है।'
English Sahih:
Indeed, I fear for you the punishment of a terrible day." ([26] Ash-Shu'ara : 135)