وَالَّذِيْنَ اِذَا ذُكِّرُوْا بِاٰيٰتِ رَبِّهِمْ لَمْ يَخِرُّوْا عَلَيْهَا صُمًّا وَّعُمْيَانًا ( الفرقان: ٧٣ )
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
when
إِذَا
जब
they are reminded
ذُكِّرُوا۟
वो नसीहत किए जाते हैं
of (the) Verses
بِـَٔايَٰتِ
साथ आयात के
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
अपने रब की
(do) not
لَمْ
नहीं
fall
يَخِرُّوا۟
वो गिर पड़ते
upon them
عَلَيْهَا
उन पर
deaf
صُمًّا
बहरे
and blind
وَعُمْيَانًا
और अँधे बन कर
Waallatheena itha thukkiroo biayati rabbihim lam yakhirroo 'alayha summan wa'umyanan (al-Furq̈ān 25:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो ऐसे हैं कि जब उनके रब की आयतों के द्वारा उन्हें याददिहानी कराई जाती है तो उन (आयतों) पर वे अंधे और बहरे होकर नहीं गिरते।
English Sahih:
And those who, when reminded of the verses of their Lord, do not fall upon them deaf and blind. ([25] Al-Furqan : 73)