وَالَّذِيْنَ اِذَآ اَنْفَقُوْا لَمْ يُسْرِفُوْا وَلَمْ يَقْتُرُوْا وَكَانَ بَيْنَ ذٰلِكَ قَوَامًا ( الفرقان: ٦٧ )
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग
when
إِذَآ
जब
they spend
أَنفَقُوا۟
वो ख़र्च करते हैं
(are) not extravagant
لَمْ
ना
(are) not extravagant
يُسْرِفُوا۟
वो इसराफ़ करते हैं
and are not stingy
وَلَمْ
और ना
and are not stingy
يَقْتُرُوا۟
वो बुख़्ल करते हैं
but are
وَكَانَ
और होता है
between
بَيْنَ
दर्मियान उसके
that
ذَٰلِكَ
दर्मियान उसके
moderate
قَوَامًا
मोअतदल (तरीक़ा)
Waallatheena itha anfaqoo lam yusrifoo walam yaqturoo wakana bayna thalika qawaman (al-Furq̈ān 25:67)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो ख़र्च करते है तो न अपव्यय करते है और न ही तंगी से काम लेते है, बल्कि वे इनके बीच मध्यमार्ग पर रहते है
English Sahih:
And [they are] those who, when they spend, do so not excessively or sparingly but are ever, between that, [justly] moderate ([25] Al-Furqan : 67)