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وَهُوَ الَّذِيْ جَعَلَ الَّيْلَ وَالنَّهَارَ خِلْفَةً لِّمَنْ اَرَادَ اَنْ يَّذَّكَّرَ اَوْ اَرَادَ شُكُوْرًا   ( الفرقان: ٦٢ )

And He
وَهُوَ
और वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
made
جَعَلَ
बनाया
the night
ٱلَّيْلَ
रात को
and the day
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
(in) succession
خِلْفَةً
एक दूसरे के पीछे आने वाला
for whoever
لِّمَنْ
उसके लिए जो
desires
أَرَادَ
इरादा करे
to
أَن
कि
remember
يَذَّكَّرَ
वो नसीहत पकड़े
or
أَوْ
या
desires
أَرَادَ
वो इरादा करे
to be thankful
شُكُورًا
शुक्रगुज़ारी का

Wahuwa allathee ja'ala allayla waalnnahara khilfatan liman arada an yaththakkara aw arada shukooran (al-Furq̈ān 25:62)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वही है जिसने रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे आनेवाला बनाया, उस व्यक्ति के लिए (निशानी) जो चेतना चाहे या कृतज्ञ होना चाहे

English Sahih:

And it is He who has made the night and the day in succession for whoever desires to remember or desires gratitude. ([25] Al-Furqan : 62)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने रात और दिन (एक) को (एक का) जानशीन बनाया (ये) उस के (समझने के) लिए है जो नसीहत हासिल करना चाहे या शुक्र गुज़ारी का इरादा करें