اَلَّذِيْنَ يُحْشَرُوْنَ عَلٰى وُجُوْهِهِمْ اِلٰى جَهَنَّمَۙ اُولٰۤىِٕكَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضَلُّ سَبِيْلًا ࣖ ( الفرقان: ٣٤ )
Those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
will be gathered
يُحْشَرُونَ
इकट्ठे किए जाऐंगे
on
عَلَىٰ
अपने चेहरों के बल
their faces
وُجُوهِهِمْ
अपने चेहरों के बल
to
إِلَىٰ
तरफ़ जहन्नम के
Hell
جَهَنَّمَ
तरफ़ जहन्नम के
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग
(are the) worst
شَرٌّ
बदतरीन हैं
(in) position
مَّكَانًا
मक़ाम के ऐतबार से
and most astray
وَأَضَلُّ
और ज़्यादा भटके हुए
(from the) way
سَبِيلًا
रास्ते के ऐतबार से
Allatheena yuhsharoona 'ala wujoohihim ila jahannama olaika sharrun makanan waadallu sabeelan (al-Furq̈ān 25:34)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो लोग औंधे मुँह जहन्नम की ओर ले जाए जाएँगे वही स्थान की दृष्टि से बहुत बुरे है, और मार्ग की दृष्टि से भी बहुत भटके हुए है
English Sahih:
The ones who are gathered on their faces to Hell – those are the worst in position and farthest astray in [their] way. ([25] Al-Furqan : 34)