وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اٰلِهَةً لَّا يَخْلُقُوْنَ شَيْـًٔا وَّهُمْ يُخْلَقُوْنَ وَلَا يَمْلِكُوْنَ لِاَنْفُسِهِمْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا وَّلَا يَمْلِكُوْنَ مَوْتًا وَّلَا حَيٰوةً وَّلَا نُشُوْرًا ( الفرقان: ٣ )
Waittakhathoo min doonihi alihatan la yakhluqoona shayan wahum yukhlaqoona wala yamlikoona lianfusihim darran wala naf'an wala yamlikoona mawtan wala hayatan wala nushooran (al-Furq̈ān 25:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर भी उन्होंने उससे हटकर ऐसे इष्ट -पूज्य बना लिए जो किसी चीज़ को पैदा नहीं करते, बल्कि वे स्वयं पैदा किए जाते है। उन्हें न तो अपनी हानि का अधिकार प्राप्त है और न लाभ का। और न उन्हें मृत्यु का अधिकार प्राप्त है और न जीवन का और न दोबारा जीवित होकर उठने का
English Sahih:
But they have taken besides Him gods which create nothing, while they are created, and possess not for themselves any harm or benefit and possess not [power to cause] death or life or resurrection. ([25] Al-Furqan : 3)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और लोगों ने उसके सिवा दूसरे दूसरे माबूद बना रखें हैं जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकते बल्कि वह खुद दूसरे के पैदा किए हुए हैं और वह खुद अपने लिए भी न नुक़सान पर क़ाबू रखते हैं न नफा पर और न मौत ही पर एख़्तियार रखते हैं और न ज़िन्दगी पर और न मरने बाद जी उठने पर