وَمَآ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ مِنَ الْمُرْسَلِيْنَ اِلَّآ اِنَّهُمْ لَيَأْكُلُوْنَ الطَّعَامَ وَيَمْشُوْنَ فِى الْاَسْوَاقِۗ وَجَعَلْنَا بَعْضَكُمْ لِبَعْضٍ فِتْنَةً ۗ اَتَصْبِرُوْنَۚ وَكَانَ رَبُّكَ بَصِيْرًا ࣖ ۔ ( الفرقان: ٢٠ )
Wama arsalna qablaka mina almursaleena illa innahum layakuloona altta'ama wayamshoona fee alaswaqi waja'alna ba'dakum liba'din fitnatan atasbiroona wakana rabbuka baseeran (al-Furq̈ān 25:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और तुमसे पहले हमने जितने रसूल भी भेजे हैं, वे सब खाना खाते और बाज़ारों में चलते-फिरते थे। हमने तो तुम्हें परस्पर एक को दूसरे के लिए आज़माइश बना दिया है, 'क्या तुम धैर्य दिखाते हो?' तुम्हारा रब तो सब कुछ देखता है
English Sahih:
And We did not send before you, [O Muhammad], any of the messengers except that they ate food and walked in the markets. And We have made some of you [people] as trial for others – will you have patience? And ever is your Lord, Seeing. ([25] Al-Furqan : 20)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) हमने तुम से पहले जितने पैग़म्बर भेजे वह सब के सब यक़ीनन बिला शक खाना खाते थे और बाज़ारों में चलते फिरते थे और हमने तुम में से एक को एक का (ज़रिया) आज़माइश बना दिया (मुसलमानों) क्या तुम अब भी सब्र करते हो (या नहीं) और तुम्हारा परवरदिगार (सब की) देख भाल कर रहा है