اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ يُزْجِيْ سَحَابًا ثُمَّ يُؤَلِّفُ بَيْنَهٗ ثُمَّ يَجْعَلُهٗ رُكَامًا فَتَرَى الْوَدْقَ يَخْرُجُ مِنْ خِلٰلِهٖۚ وَيُنَزِّلُ مِنَ السَّمَاۤءِ مِنْ جِبَالٍ فِيْهَا مِنْۢ بَرَدٍ فَيُصِيْبُ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ وَيَصْرِفُهٗ عَنْ مَّنْ يَّشَاۤءُۗ يَكَادُ سَنَا بَرْقِهٖ يَذْهَبُ بِالْاَبْصَارِ ۗ ( النور: ٤٣ )
Alam tara anna Allaha yuzjee sahaban thumma yuallifu baynahu thumma yaj'aluhu rukaman fatara alwadqa yakhruju min khilalihi wayunazzilu mina alssamai min jibalin feeha min baradin fayuseebu bihi man yashao wayasrifuhu 'an man yashao yakadu sana barqihi yathhabu bialabsari (an-Nūr 24:43)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह बादल को चलाता है। फिर उनको परस्पर मिलाता है। फिर उसे तह पर तह कर देता है। फिर तुम देखते हो कि उसके बीच से मेह बरसता है? और आकाश से- उसमें जो पहाड़ है (बादल जो पहाड़ जैसे प्रतीत होते है उनसे) - ओले बरसाता है। फिर जिस पर चाहता है, उसे हटा देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली की चमक निगाहों को उचक ले जाएगी
English Sahih:
Do you not see that Allah drives clouds? Then He brings them together; then He makes them into a mass, and you see the rain emerge from within it. And He sends down from the sky, mountains [of clouds] within which is hail, and He strikes with it whom He wills and averts it from whom He wills. The flash of its lightning almost takes away the eyesight. ([24] An-Nur : 43)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या तूने उस पर भी नज़र नहीं की कि यक़ीनन ख़ुदा ही अब्र को चलाता है फिर वही बाहम उसे जोड़ता है-फिर वही उसे तह ब तह रखता है तब तू तो बारिश उसके दरमियान से निकलते हुए देखता है और आसमान में जो (जमे हुए बादलों के) पहाड़ है उनमें से वही उसे बरसाता है- फिर उन्हें जिस (के सर) पर चाहता है पहुँचा देता है- और जिस (के सर) से चाहता है टाल देता है- क़रीब है कि उसकी बिजली की कौन्द आखों की रौशनी उचके लिये जाती है