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وَالَّذِيْنَ يَرْمُوْنَ الْمُحْصَنٰتِ ثُمَّ لَمْ يَأْتُوْا بِاَرْبَعَةِ شُهَدَاۤءَ فَاجْلِدُوْهُمْ ثَمٰنِيْنَ جَلْدَةً وَّلَا تَقْبَلُوْا لَهُمْ شَهَادَةً اَبَدًاۚ وَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ۙ  ( النور: ٤ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
accuse
يَرْمُونَ
तोहमत लगाऐं
the chaste women
ٱلْمُحْصَنَٰتِ
पाक दामन औरतों पर
then
ثُمَّ
फिर
not
لَمْ
ना
they bring
يَأْتُوا۟
वो लाऐं
four
بِأَرْبَعَةِ
चार
witnesses
شُهَدَآءَ
गवाह
then flog them
فَٱجْلِدُوهُمْ
तो कोड़े मारो उन्हें
(with) eighty
ثَمَٰنِينَ
अस्सी
lashe(s)
جَلْدَةً
कोड़े
and (do) not
وَلَا
और ना
accept
تَقْبَلُوا۟
तुम क़ुबूल करो
their
لَهُمْ
उनकी
testimony
شَهَٰدَةً
गवाही को
ever
أَبَدًاۚ
कभी भी
And those
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
they
هُمُ
वो
(are) the defiantly disobedient
ٱلْفَٰسِقُونَ
जो फ़ासिक़ हैं

Waallatheena yarmoona almuhsanati thumma lam yatoo biarba'ati shuhadaa faijlidoohum thamaneena jaldatan wala taqbaloo lahum shahadatan abadan waolaika humu alfasiqoona (an-Nūr 24:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो लोग शरीफ़ और पाकदामन स्त्री पर तोहमत लगाएँ, फिर चार गवाह न लाएँ, उन्हें अस्सी कोड़े मारो और उनकी गवाही कभी भी स्वीकार न करो - वही है जो अवज्ञाकारी है। -

English Sahih:

And those who accuse chaste women and then do not produce four witnesses – lash them with eighty lashes and do not accept from them testimony ever after. And those are the defiantly disobedient, ([24] An-Nur : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाएँ फिर (अपने दावे पर) चार गवाह पेश न करें तो उन्हें अस्सी कोड़ें मारो और फिर (आइन्दा) कभी उनकी गवाही कुबूल न करो और (याद रखो कि) ये लोग ख़ुद बदकार हैं