وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اَعْمَالُهُمْ كَسَرَابٍۢ بِقِيْعَةٍ يَّحْسَبُهُ الظَّمْاٰنُ مَاۤءًۗ حَتّٰٓى اِذَا جَاۤءَهٗ لَمْ يَجِدْهُ شَيْـًٔا وَّوَجَدَ اللّٰهَ عِنْدَهٗ فَوَفّٰىهُ حِسَابَهٗ ۗ وَاللّٰهُ سَرِيْعُ الْحِسَابِ ۙ ( النور: ٣٩ )
Waallatheena kafaroo a'maluhum kasarabin biqee'atin yahsabuhu alththamanu maan hatta itha jaahu lam yajidhu shayan wawajada Allaha 'indahu fawaffahu hisabahu waAllahu saree'u alhisabi (an-Nūr 24:39)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया उनके कर्म चटियल मैदान में मरीचिका की तरह है कि प्यासा उसे पानी समझता है, यहाँ तक कि जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे कुछ भी न पाया। अलबत्ता अल्लाह ही को उसके पास पाया, जिसने उसका हिसाब पूरा-पूरा चुका दिया। और अल्लाह बहुत जल्द हिसाब करता है
English Sahih:
But those who disbelieved – their deeds are like a mirage in a lowland which a thirsty one thinks is water until, when he comes to it, he finds it is nothing but finds Allah before him, and He will pay him in full his due; and Allah is swift in account. ([24] An-Nur : 39)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया उनकी कारस्तानियाँ (ऐसी है) जैसे एक चटियल मैदान का चमकता हुआ बालू कि प्यासा उस को दूर से देखे तो पानी ख्याल करता है यहाँ तक कि जब उसके पास आया तो उसको कुछ भी न पाया (और प्यास से तड़प कर मर गया) और ख़ुदा को अपने पास मौजूद पाया तो उसने उसका हिसाब (किताब) पूरा पूरा चुका दिया और ख़ुदा तो बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है