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لِيَجْزِيَهُمُ اللّٰهُ اَحْسَنَ مَا عَمِلُوْا وَيَزِيْدَهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖۗ وَاللّٰهُ يَرْزُقُ مَنْ يَّشَاۤءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ  ( النور: ٣٨ )

That Allah may reward them
لِيَجْزِيَهُمُ
ताकि बदला दे उन्हें
That Allah may reward them
ٱللَّهُ
अल्लाह
(with the) best
أَحْسَنَ
बेहतरीन
(of) what
مَا
उसका जो
they did
عَمِلُوا۟
उन्होंने अमल किए
and increase them
وَيَزِيدَهُم
और ज़्यादा दे उन्हें
from
مِّن
अपने फ़ज़ल से
His Bounty
فَضْلِهِۦۗ
अपने फ़ज़ल से
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
provides
يَرْزُقُ
वो रिज़्क़ देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
without
بِغَيْرِ
बग़ैर
measure
حِسَابٍ
हिसाब के

Liyajziyahumu Allahu ahsana ma 'amiloo wayazeedahum min fadlihi waAllahu yarzuqu man yashao bighayri hisabin (an-Nūr 24:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि अल्लाह उन्हें बदला प्रदान करे। उनके अच्छे से अच्छे कामों का, और अपने उदार अनुग्रह से उन्हें और अधिक प्रदान करें। अल्लाह जिसे चाहता है बेहिसाब देता है

English Sahih:

That Allah may reward them [according to] the best of what they did and increase them from His bounty. And Allah gives provision to whom He wills without account [i.e., limit]. ([24] An-Nur : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(उसकी इबादत इसलिए करते हैं) ताकि ख़ुदा उन्हें उनके आमाल का बेहतर से बेहतर बदला अता फरमाए और अपने फज़ल व करम से कुछ और ज्यादा भी दे और ख़ुदा तो जिसे चाहता है बेहिसाब रोज़ी देता है