وَلْيَسْتَعْفِفِ الَّذِيْنَ لَا يَجِدُوْنَ نِكَاحًا حَتّٰى يُغْنِيَهُمُ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖ ۗوَالَّذِيْنَ يَبْتَغُوْنَ الْكِتٰبَ مِمَّا مَلَكَتْ اَيْمَانُكُمْ فَكَاتِبُوْهُمْ اِنْ عَلِمْتُمْ فِيْهِمْ خَيْرًا وَّاٰتُوْهُمْ مِّنْ مَّالِ اللّٰهِ الَّذِيْٓ اٰتٰىكُمْ ۗوَلَا تُكْرِهُوْا فَتَيٰتِكُمْ عَلَى الْبِغَاۤءِ اِنْ اَرَدْنَ تَحَصُّنًا لِّتَبْتَغُوْا عَرَضَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ۗوَمَنْ يُّكْرِهْهُّنَّ فَاِنَّ اللّٰهَ مِنْۢ بَعْدِ اِكْرَاهِهِنَّ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ( النور: ٣٣ )
Walyasta'fifi allatheena la yajidoona nikahan hatta yughniyahumu Allahu min fadlihi waallatheena yabtaghoona alkitaba mimma malakat aymanukum fakatiboohum in 'alimtum feehim khayran waatoohum min mali Allahi allathee atakum wala tukrihoo fatayatikum 'ala albighai in aradna tahassunan litabtaghoo 'arada alhayati alddunya waman yukrihhunna fainna Allaha min ba'di ikrahihinna ghafoorun raheemun (an-Nūr 24:33)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो विवाह का अवसर न पा रहे हो उन्हें चाहिए कि पाकदामनी अपनाए रहें, यहाँ तक कि अल्लाह अपने उदार अनुग्रह से उन्हें समृद्ध कर दे। और जिन लोगों पर तुम्हें स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो उनमें से जो लोग लिखा-पढ़ी के इच्छुक हो उनसे लिखा-पढ़ी कर लो, यदि तुम्हें मालूम हो कि उनमें भलाई है। और उन्हें अल्लाह के माल में से दो, जो उसने तुम्हें प्रदान किया है। और अपनी लौंडियों को सांसारिक जीवन-सामग्री की चाह में व्यविचार के लिए बाध्य न करो, जबकि वे पाकदामन रहना भी चाहती हों। औऱ इसके लिए जो कोई उन्हें बाध्य करेगा, तो निश्चय ही अल्लाह उनके बाध्य किए जाने के पश्चात अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
English Sahih:
But let them who find not [the means for] marriage abstain [from sexual relations] until Allah enriches them from His bounty. And those who seek a contract [for eventual emancipation] from among whom your right hands possess – then make a contract with them if you know there is within them goodness and give them from the wealth of Allah which He has given you. And do not compel your slave girls to prostitution, if they desire chastity, to seek [thereby] the temporary interests of worldly life. And if someone should compel them, then indeed, Allah is [to them], after their compulsion, Forgiving and Merciful. ([24] An-Nur : 33)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो लोग निकाह करने का मक़दूर नहीं रखते उनको चाहिए कि पाक दामिनी एख्तियार करें यहाँ तक कि ख़ुदा उनको अपने फज़ल व (करम) से मालदार बना दे और तुम्हारी लौन्डी ग़ुलामों में से जो मकातबत होने (कुछ रुपए की शर्त पर आज़ादी का सरख़त लेने) की ख्वाहिश करें तो तुम अगर उनमें कुछ सलाहियत देखो तो उनको मकातिब कर दो और ख़ुदा के माल से जो उसने तुम्हें अता किया है उनका भी दो और तुम्हारी लौन्डियाँ जो पाक दामन ही रहना चाहती हैं उनको दुनियावी ज़िन्दगी के फायदे हासिल करने की ग़रज़ से हराम कारी पर मजबूर न करो और जो शख्स उनको मजबूर करेगा तो इसमें शक नहीं कि ख़ुदा उसकी बेबसी के बाद बड़ा बख्शने वाले मेहरबान है