فَاِنْ لَّمْ تَجِدُوْا فِيْهَآ اَحَدًا فَلَا تَدْخُلُوْهَا حَتّٰى يُؤْذَنَ لَكُمْ وَاِنْ قِيْلَ لَكُمُ ارْجِعُوْا فَارْجِعُوْا هُوَ اَزْكٰى لَكُمْ ۗوَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ عَلِيْمٌ ( النور: ٢٨ )
Fain lam tajidoo feeha ahadan fala tadkhulooha hatta yuthana lakum wain qeela lakumu irji'oo fairji'oo huwa azka lakum waAllahu bima ta'maloona 'aleemun (an-Nūr 24:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर यदि उनमें किसी को न पाओ, तो उनमें प्रवेश न करो जब तक कि तुम्हें अनुमति प्राप्त न हो। और यदि तुमसे कहा जाए कि वापस हो जाओ तो वापस हो जाओ, यही तुम्हारे लिए अधिक अच्छी बात है। अल्लाह भली-भाँति जानता है जो कुछ तुम करते हो
English Sahih:
And if you do not find anyone therein, do not enter them until permission has been given you. And if it is said to you, "Go back," then go back; it is purer for you. And Allah is Knowing of what you do. ([24] An-Nur : 28)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ये नसीहत इसलिए है) ताकि तुम याद रखो पस अगर तुम उन घरों में किसी को न पाओ तो तावाक़फियत कि तुम को (ख़ास तौर पर) इजाज़त न हासिल हो जाए उन में न जाओ और अगर तुम से कहा जाए कि फिर जाओ तो तुम (बे ताम्मुल) फिर जाओ यही तुम्हारे वास्ते ज्यादा सफाई की बात है और तुम जो कुछ भी करते हो ख़ुदा उससे खूब वाकिफ़ है