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أَلَمْ
क्या नहीं
تَرَ
आपने देखा
أَنَّ
कि बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يُسَبِّحُ
तस्बीह करता है
لَهُۥ
उसके लिए
مَن
जो कोई
فِى
आसमानों में
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में है
وَٱلطَّيْرُ
और परिन्दे (भी)
صَٰٓفَّٰتٍۖ
पर फैलाए
كُلٌّ
हर एक ने
قَدْ
तहक़ीक़
عَلِمَ
जान ली है
صَلَاتَهُۥ
नमाज़ अपनी
وَتَسْبِيحَهُۥۗ
और तस्बीह अपनी
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
بِمَا
उसे जो
يَفْعَلُونَ
वो कर रहे हैं

Alam tara anna Allaha yusabbihu lahu man fee alssamawati waalardi waalttayru saffatin kullun qad 'alima salatahu watasbeehahu waAllahu 'aleemun bima yaf'aloona

क्या तुमने नहीं देखा कि जो कोई भी आकाशों और धरती में है, अल्लाह की तसबीह (गुणगान) कर रहा है और पंख पसारे हुए पक्षी भी? हर एक अपनी नमाज़ और तसबीह से परिचित है। अल्लाह भली-भाँति जाना है जो कुछ वे करते है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
مُلْكُ
बादशाहत
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन की
وَإِلَى
और अल्लाह ही की तरफ़
ٱللَّهِ
और अल्लाह ही की तरफ़
ٱلْمَصِيرُ
लौटना है

Walillahi mulku alssamawati waalardi waila Allahi almaseeru

अल्लाह ही के लिए है आकाशों और धरती का राज्य। और अल्लाह ही की ओर लौटकर जाना है

Tafseer (तफ़सीर )

أَلَمْ
क्या नहीं
تَرَ
आपने देखा
أَنَّ
कि बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يُزْجِى
वो चलाता है
سَحَابًا
बादल को
ثُمَّ
फिर
يُؤَلِّفُ
वो मिला देता है (उन्हें)
بَيْنَهُۥ
आपस में
ثُمَّ
फिर
يَجْعَلُهُۥ
वो कर देता है उसे
رُكَامًا
तह ब तह
فَتَرَى
तो आप देखते हैं
ٱلْوَدْقَ
बारिश
يَخْرُجُ
निकलती है
مِنْ
उसके दर्मियान से
خِلَٰلِهِۦ
उसके दर्मियान से
وَيُنَزِّلُ
और वो उतारता है
مِنَ
आसमान से
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
مِن
पहाड़ों से
جِبَالٍ
पहाड़ों से
فِيهَا
उसमें
مِنۢ
कुछ ओले
بَرَدٍ
कुछ ओले
فَيُصِيبُ
फिर वो पहुँचाता है
بِهِۦ
उसे
مَن
जिसे
يَشَآءُ
वो चाहता है
وَيَصْرِفُهُۥ
और वो फेर देता है उसे
عَن
जिस से
مَّن
जिस से
يَشَآءُۖ
वो चाहता है
يَكَادُ
क़रीब है कि
سَنَا
चमक
بَرْقِهِۦ
उसकी बिजली की
يَذْهَبُ
वो ले जाए
بِٱلْأَبْصَٰرِ
निगाहों को

Alam tara anna Allaha yuzjee sahaban thumma yuallifu baynahu thumma yaj'aluhu rukaman fatara alwadqa yakhruju min khilalihi wayunazzilu mina alssamai min jibalin feeha min baradin fayuseebu bihi man yashao wayasrifuhu 'an man yashao yakadu sana barqihi yathhabu bialabsari

क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह बादल को चलाता है। फिर उनको परस्पर मिलाता है। फिर उसे तह पर तह कर देता है। फिर तुम देखते हो कि उसके बीच से मेह बरसता है? और आकाश से- उसमें जो पहाड़ है (बादल जो पहाड़ जैसे प्रतीत होते है उनसे) - ओले बरसाता है। फिर जिस पर चाहता है, उसे हटा देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली की चमक निगाहों को उचक ले जाएगी

Tafseer (तफ़सीर )

يُقَلِّبُ
उलट-पलट करता है
ٱللَّهُ
अल्लाह
ٱلَّيْلَ
रात
وَٱلنَّهَارَۚ
और दिन को
إِنَّ
यक़ीनन
فِى
इसमें
ذَٰلِكَ
इसमें
لَعِبْرَةً
अलबत्ता इब्रत है
لِّأُو۟لِى
अहले बसीरत के लिए
ٱلْأَبْصَٰرِ
अहले बसीरत के लिए

Yuqallibu Allahu allayla waalnnahara inna fee thalika la'ibratan liolee alabsari

अल्लाह ही रात और दिन का उलट-फेर करता है। निश्चय ही आँखें रखनेवालों के लिए इसमें एक शिक्षा है

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱللَّهُ
और अल्लाह ने
خَلَقَ
पैदा किया
كُلَّ
हर
دَآبَّةٍ
जानदार को
مِّن
पानी से
مَّآءٍۖ
पानी से
فَمِنْهُم
तो उनमें से कोई है
مَّن
जो
يَمْشِى
चलता है
عَلَىٰ
अपने पेट पर
بَطْنِهِۦ
अपने पेट पर
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
مَّن
जो
يَمْشِى
चलता है
عَلَىٰ
दो पाँव पर
رِجْلَيْنِ
दो पाँव पर
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
مَّن
जो
يَمْشِى
चलता है
عَلَىٰٓ
चार (पाँव) पर
أَرْبَعٍۚ
चार (पाँव) पर
يَخْلُقُ
पैदा करता है
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
जो
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ के
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है

WaAllahu khalaqa kulla dabbatin min main faminhum man yamshee 'ala batnihi waminhum man yamshee 'ala rijlayni waminhum man yamshee 'ala arba'in yakhluqu Allahu ma yashao inna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun

अल्लाह ने हर जीवधारी को पानी से पैदा किया, तो उनमें से कोई अपने पेट के बल चलता है और कोई उनमें दो टाँगों पर चलता है और कोई चार (टाँगों) पर चलता है। अल्लाह जो चाहता है, पैदा करता है। निस्संदेह अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है

Tafseer (तफ़सीर )

لَّقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
أَنزَلْنَآ
नाज़िल कीं हमने
ءَايَٰتٍ
आयात
مُّبَيِّنَٰتٍۚ
वाज़ेह
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
يَهْدِى
वो हिदायत देता है
مَن
जिसे
يَشَآءُ
वो चाहता है
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
صِرَٰطٍ
तरफ़ रास्ते
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के

Laqad anzalna ayatin mubayyinatin waAllahu yahdee man yashao ila siratin mustaqeemin

हमने सत्य को प्रकट कर देनेवाली आयतें उतार दी है। आगे अल्लाह जिसे चाहता है सीधे मार्ग की ओर लगा देता है

Tafseer (तफ़सीर )

وَيَقُولُونَ
और वो कहते हैं
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
وَبِٱلرَّسُولِ
और रसूल पर
وَأَطَعْنَا
और इताअत की हमने
ثُمَّ
फिर
يَتَوَلَّىٰ
मुँह फेर लेता है
فَرِيقٌ
एक गिरोह
مِّنْهُم
उनमें से
مِّنۢ
बाद
بَعْدِ
बाद
ذَٰلِكَۚ
इसके
وَمَآ
और नहीं
أُو۟لَٰٓئِكَ
ये लोग
بِٱلْمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Wayaqooloona amanna biAllahi wabialrrasooli waata'na thumma yatawalla fareequn minhum min ba'di thalika wama olaika bialmumineena

वे मुनाफ़िक लोग कहते है कि 'हम अल्लाह और रसूल पर ईमान लाए और हमने आज्ञापालन स्वीकार किया।' फिर इसके पश्चात उनमें से एक गिरोह मुँह मोड़ जाता है। ऐसे लोग मोमिन नहीं है

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
और जब
دُعُوٓا۟
वो बुलाए जाते हैं
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
وَرَسُولِهِۦ
और उसके रसूल के
لِيَحْكُمَ
ताकि वो फ़ैसला करे
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
إِذَا
तब
فَرِيقٌ
एक गिरोह (के लोग)
مِّنْهُم
उनमें से
مُّعْرِضُونَ
ऐराज़ करने वाले होते हैं

Waitha du'oo ila Allahi warasoolihi liyahkuma baynahum itha fareequn minhum mu'ridoona

जब उन्हें अल्लाह और उसके रसूल की ओर बुलाया जाता है, ताकि वह उनके बीच फ़ैसला करें तो क्या देखते है कि उनमें से एक गिरोह कतरा जाता है;

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِن
और अगर
يَكُن
हो
لَّهُمُ
उनके लिए
ٱلْحَقُّ
हक़
يَأْتُوٓا۟
वो आते हैं
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
مُذْعِنِينَ
मुतीअ हो कर

Wain yakun lahumu alhaqqu yatoo ilayhi muth'ineena

किन्तु यदि हक़ उन्हें मिलनेवाला हो तो उसकी ओर बड़े आज्ञाकारी बनकर चले आएँ

Tafseer (तफ़सीर )

أَفِى
क्या उनके दिलों में
قُلُوبِهِم
क्या उनके दिलों में
مَّرَضٌ
कोई बीमारी है
أَمِ
या
ٱرْتَابُوٓا۟
वो शक में पड़ गए हैं
أَمْ
या
يَخَافُونَ
वो डरते हैं
أَن
कि
يَحِيفَ
ज़ुल्म करेगा
ٱللَّهُ
अल्लाह
عَلَيْهِمْ
उन पर
وَرَسُولُهُۥۚ
और उसका रसूल
بَلْ
बल्कि
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
هُمُ
वो
ٱلظَّٰلِمُونَ
जो ज़ालिम हैं

Afee quloobihim maradun ami irtaboo am yakhafoona an yaheefa Allahu 'alayhim warasooluhu bal olaika humu alththalimoona

क्या उनके दिलों में रोग है या वे सन्देह में पड़े हुए है या उनको यह डर है कि अल्लाह औऱ उसका रसूल उनके साथ अन्याय करेंगे? नहीं, बल्कि बात यह है कि वही लोग अत्याचारी हैं

Tafseer (तफ़सीर )