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يٰٓاَيُّهَا الرُّسُلُ كُلُوْا مِنَ الطَّيِّبٰتِ وَاعْمَلُوْا صَالِحًاۗ اِنِّيْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ عَلِيْمٌ ۗ  ( المؤمنون: ٥١ )

O Messengers!
يَٰٓأَيُّهَا
O Messengers!
ٱلرُّسُلُ
पैग़म्बरो
Eat
كُلُوا۟
खाओ
of
مِنَ
पाकीज़ा चीज़ों में से
the good things
ٱلطَّيِّبَٰتِ
पाकीज़ा चीज़ों में से
and do
وَٱعْمَلُوا۟
और अमल करो
righteous (deeds)
صَٰلِحًاۖ
नेक
Indeed, I Am
إِنِّى
बेशक मैं
of what
بِمَا
उसे जो
you do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला हूँ

Ya ayyuha alrrusulu kuloo mina alttayyibati wai'maloo salihan innee bima ta'maloona 'aleemun (al-Muʾminūn 23:51)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'ऐ पैग़म्बरो! अच्छी पाक चीज़े खाओ और अच्छा कर्म करो। जो कुछ तुम करते हो उसे मैं जानता हूँ

English Sahih:

[Allah said], "O messengers, eat from the good foods and work righteousness. Indeed I, of what you do, am Knowing. ([23] Al-Mu'minun : 51)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और मेरा आम हुक्म था कि ऐ (मेरे पैग़म्बर) पाक व पाकीज़ा चीज़ें खाओ और अच्छे अच्छे काम करो (क्योंकि) तुम जो कुछ करते हो मैं उससे बख़ूबी वाक़िफ हूँ