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ثُمَّ اَرْسَلْنَا رُسُلَنَا تَتْرَاۗ كُلَّمَا جَاۤءَ اُمَّةً رَّسُوْلُهَا كَذَّبُوْهُ فَاَتْبَعْنَا بَعْضَهُمْ بَعْضًا وَّجَعَلْنٰهُمْ اَحَادِيْثَۚ فَبُعْدًا لِّقَوْمٍ لَّا يُؤْمِنُوْنَ   ( المؤمنون: ٤٤ )

Then
ثُمَّ
फिर
We sent
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
Our Messengers
رُسُلَنَا
अपने रसूलों को
(in) succession
تَتْرَاۖ
पै- दर- पै
Every time
كُلَّ
जब कभी
Every time
مَا
जब कभी
came
جَآءَ
आया
(to) a nation
أُمَّةً
किसी उम्मत में
its Messenger
رَّسُولُهَا
रसूल उसका
they denied him
كَذَّبُوهُۚ
उन्होंने झुठला दिया उसे
so We made (them) follow
فَأَتْبَعْنَا
तो पीछे लाए हम
some of them
بَعْضَهُم
उनके बाज़ को
others
بَعْضًا
बाज़ के
and We made them
وَجَعَلْنَٰهُمْ
और बना दिया हमने उन्हें
narrations
أَحَادِيثَۚ
क़िस्से कहानियाँ
So away
فَبُعْدًا
तो दूरी है
with a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
not
لَّا
जो नहीं ईमान लाते
they believe
يُؤْمِنُونَ
जो नहीं ईमान लाते

Thumma arsalna rusulana tatra kulla ma jaa ommatan rasooluha kaththaboohu faatba'na ba'dahum ba'dan waja'alnahum ahadeetha fabu'dan liqawmin la yuminoona (al-Muʾminūn 23:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर हमने निरन्तर अपने रसूल भेजे। जब भी किसी समुदाय के पास उसका रसूल आया, तो उसके लोगों ने उसे झुठला दिया। अतः हम एक दूसरे के पीछे (विनाश के लिए) लगाते चले गए और हमने उन्हें ऐसा कर दिया कि वे कहानियाँ होकर रह गए। फिटकार हो उन लोगों पर जो ईमान न लाएँ

English Sahih:

Then We sent Our messengers in succession. Every time there came to a nation its messenger, they denied him, so We made them follow one another [to destruction], and We made them narrations. So away with a people who do not believe. ([23] Al-Mu'minun : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर हमने लगातार बहुत से पैग़म्बर भेजे (मगर) जब जब किसी उम्मत का पैग़म्बर उन के पास आता तो ये लोग उसको झुठलाते थे तो हम थी (आगे पीछे) एक को दूसरे के बाद (हलाक) करते गए और हमने उन्हें (नेस्त व नाबूद करके) अफसाना बना दिया तो ईमान न लाने वालो पर ख़ुदा की लानत है