فَقَالَ الْمَلَؤُا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ مَا هٰذَآ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْۙ يُرِيْدُ اَنْ يَّتَفَضَّلَ عَلَيْكُمْۗ وَلَوْ شَاۤءَ اللّٰهُ لَاَنْزَلَ مَلٰۤىِٕكَةً ۖمَّا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِيْٓ اٰبَاۤىِٕنَا الْاَوَّلِيْنَ ۚ ( المؤمنون: ٢٤ )
Faqala almalao allatheena kafaroo min qawmihi ma hatha illa basharun mithlukum yureedu an yatafaddala 'alaykum walaw shaa Allahu laanzala malaikatan ma sami'na bihatha fee abaina alawwaleena (al-Muʾminūn 23:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसपर उनकी क़ौम के सरदार, जिन्होंने इनकार किया था, कहने लगे, 'यह तो बस तुम्हीं जैसा एक मनुष्य है। चाहता है कि तुमपर श्रेष्ठता प्राप्त करे।''अल्लाह यदि चाहता तो फ़रिश्ते उतार देता। यह बात तो हमने अपने अगले बाप-दादा के समयों से सुनी ही नहीं
English Sahih:
But the eminent among those who disbelieved from his people said, "This is not but a man like yourselves who wishes to take precedence over you; and if Allah had willed [to send a messenger], He would have sent down angels. We have not heard of this among our forefathers. ([23] Al-Mu'minun : 24)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो उनकी क़ौम के सरदारों ने जो काफिर थे कहा कि ये भी तो बस (आख़िर) तुम्हारे ही सा आदमी है (मगर) इसकी तमन्ना ये है कि तुम पर बुर्जुगी हासिल करे और अगर खुदा (पैग़म्बर ही न भेजना) चाहता तो फरिश्तों को नाज़िल करता हम ने तो (भाई) ऐसी बात अपने अगले बाप दादाओं में (भी होती) नहीं सुनी