وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰى قَوْمِهٖ فَقَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗۗ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ( المؤمنون: ٢٣ )
And verily
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We sent
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
Nuh
نُوحًا
नूह को
to
إِلَىٰ
तरफ़ उसकी क़ौम के
his people
قَوْمِهِۦ
तरफ़ उसकी क़ौम के
and he said
فَقَالَ
तो उसने कहा
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Worship
ٱعْبُدُوا۟
इबादत करो
Allah;
ٱللَّهَ
अल्लाह की
not
مَا
नहीं
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
(is) any
مِّنْ
कोई इलाह ( बरहक़)
god
إِلَٰهٍ
कोई इलाह ( बरहक़)
other than Him
غَيْرُهُۥٓۖ
उसके सिवा
Then will not
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
you fear?"
تَتَّقُونَ
तुम डरते
Walaqad arsalna noohan ila qawmihi faqala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu afala tattaqoona (al-Muʾminūn 23:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने नूह को उसकी क़ौम की ओर भेजा तो उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके सिवा तुम्हारा और कोई इष्ट-पूज्य नहीं है तो क्या तुम डर नहीं रखते?'
English Sahih:
And We had certainly sent Noah to his people, and he said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him; then will you not fear Him?" ([23] Al-Mu'minun : 23)