وَمَنْ يَّدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ لَا بُرْهَانَ لَهٗ بِهٖۙ فَاِنَّمَا حِسَابُهٗ عِنْدَ رَبِّهٖۗ اِنَّهٗ لَا يُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ( المؤمنون: ١١٧ )
And whoever
وَمَن
और जो
invokes
يَدْعُ
पुकारे
with
مَعَ
साथ
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
god
إِلَٰهًا
इलाह
other
ءَاخَرَ
दूसरा
no
لَا
नहीं दलील
proof
بُرْهَٰنَ
नहीं दलील
for him
لَهُۥ
उसके लिए
in it
بِهِۦ
उसकी
Then only
فَإِنَّمَا
तो बेशक
his account
حِسَابُهُۥ
हिसाब है उसका
(is) with
عِندَ
पास
his Lord
رَبِّهِۦٓۚ
उसके रब के
Indeed [he]
إِنَّهُۥ
बेशक वो
not
لَا
नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
will succeed
يُفْلِحُ
नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
the disbelievers
ٱلْكَٰفِرُونَ
जो काफ़िर हैं
Waman yad'u ma'a Allahi ilahan akhara la burhana lahu bihi fainnama hisabuhu 'inda rabbihi innahu la yuflihu alkafiroona (al-Muʾminūn 23:117)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो कोई अल्लाह के साथ किसी दूसरे पूज्य को पुकारे, जिसके लिए उसके पास कोई प्रमाम नहीं, तो बस उसका हिसाब उसके रब के पास है। निश्चय ही इनकार करनेवाले कभी सफल नहीं होगे
English Sahih:
And whoever invokes besides Allah another deity for which he has no proof – then his account is only with his Lord. Indeed, the disbelievers will not succeed. ([23] Al-Mu'minun : 117)