رَبَّنَآ اَخْرِجْنَا مِنْهَا فَاِنْ عُدْنَا فَاِنَّا ظٰلِمُوْنَ ( المؤمنون: ١٠٧ )
Our Lord!
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
Bring us out
أَخْرِجْنَا
निकाल दे
from it
مِنْهَا
इस से
then if
فَإِنْ
फिर अगर
we return
عُدْنَا
दोबारा करें हम
then indeed we
فَإِنَّا
तो बेशक हम
(would be) wrongdoers"
ظَٰلِمُونَ
ज़ालिम होंगे
Rabbana akhrijna minha fain 'udna fainna thalimoona (al-Muʾminūn 23:107)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमारे रब! हमें यहाँ से निकाल दे! फिर हम दोबारा ऐसा करें तो निश्चय ही हम अत्याचारी होंगे।'
English Sahih:
Our Lord, remove us from it, and if we were to return [to evil], we would indeed be wrongdoers." ([23] Al-Mu'minun : 107)