وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِمْ اٰيٰتُنَا بَيِّنٰتٍ تَعْرِفُ فِيْ وُجُوْهِ الَّذِيْنَ كَفَرُوا الْمُنْكَرَۗ يَكَادُوْنَ يَسْطُوْنَ بِالَّذِيْنَ يَتْلُوْنَ عَلَيْهِمْ اٰيٰتِنَاۗ قُلْ اَفَاُنَبِّئُكُمْ بِشَرٍّ مِّنْ ذٰلِكُمْۗ اَلنَّارُۗ وَعَدَهَا اللّٰهُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْاۗ وَبِئْسَ الْمَصِيْرُ ࣖ ( الحج: ٧٢ )
Waitha tutla 'alayhim ayatuna bayyinatin ta'rifu fee wujoohi allatheena kafaroo almunkara yakadoona yastoona biallatheena yatloona 'alayhim ayatina qul afaonabbiokum bisharrin min thalikum alnnaru wa'adaha Allahu allatheena kafaroo wabisa almaseeru (al-Ḥajj 22:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जब उन्हें हमारी स्पष्ट आयतें सुनाई जाती है, तो इनकार करनेवालों के चेहरों पर तुम्हें नागवारी प्रतीत होती है। लगता है कि अभी वे उन लोगों पर टूट पड़ेगे जो उन्हें हमारी आयतें सुनाते है। कह दो, 'क्या मैं तुम्हे इससे बुरी चीज़ की ख़बर दूँ? आग है वह - अल्लाह ने इनकार करनेवालों से उसी का वादा कर रखा है - और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है।'
English Sahih:
And when Our verses are recited to them as clear evidences, you recognize in the faces of those who disbelieve disapproval. They are almost on the verge of assaulting those who recite to them Our verses. Say, "Then shall I inform you of [what is] worse than that? [It is] the Fire which Allah has promised those who disbelieve, and wretched is the destination." ([22] Al-Hajj : 72)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) जब हमारी वाज़ेए व रौशन आयतें उनके सामने पढ़ कर सुनाई जाती हैं तो तुम (उन) काफिरों के चेहरों पर नाखुशी के (आसार) देखते हो (यहाँ तक कि) क़रीब होता है कि जो लोग उनको हमारी आयातें पढ़कर सुनाते हैं उन पर ये लोग हमला कर बैठे (ऐ रसूल) तुम कह दो (कि) तो क्या मैं तुम्हें इससे भी कहीं बदतर चीज़ बता दूँ (अच्छा) तो सुन लो वह जहन्नुम है जिसमें झोंकने का वायदा खुदा ने काफ़िरों से किया है